देहरादून : रैणी गांव के जंगल के जिस पगराणी क्षेत्र से चिपको आंदोलन शुरू हुआ था वहां कांचुला के कई पेड़ों को भारी नुकसान पहुंचाया गया है। सोमवार को गांव के एक व्यक्ति ने इस तरह के नुकसान की जानकारी अन्य ग्रामीणों व वन विभाग के अधिकारियों को दी। सूचना पर रैणी गांव के ग्रामीणों के साथ ही वन विभाग की टीम मौके के लिए रवाना हुई।
बताया जा रहा है कि पेड़ों से टुकड़े निकालकर इनकी तस्करी की जाती है। इन टुकड़ों से लकड़ी की फैंसी कटोरियां और गिलास बनाए जाते हैं, जो काफी कीमती होते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यह किसी बाहर के व्यक्ति का काम हो सकता है। यहां करीब 15 से 20 पेड़ों से टुकड़े निकाले गए हैं, जिससे यह पेड़ कमजोर हो गए हैं। कई पेड़ों से तो दो से तीन टुकड़े निकालकर उनको खोखला कर दिया गया है, जिससे इनके सूखने की भी आशंका है।
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