भारतीय रेल में वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Trains) यात्रियों की पहली पसंद बनती जा रही है। आम बजट में रेलवे के लिए 200 नई वंदे भारत का लक्ष्य रखा गया है जो स्लीपर डिब्बों की होंगी। अब तक वंदे भारत एसी और चेयरकार में ही आ रहीं थीं। अब लोगों की डिमांड को देखते हुए इसे स्लीपर क्लास में तैयार किया जा रहा है।
भारतीय रेल में वंदे भारत एक्सप्रेस यात्रियों की पहली पसंद बनती जा रही है, जबकि इसके चलते रेल मंत्रालय का फोकस इन ट्रेनों पर ही है। आम बजट में रेलवे के लिए 200 नई वंदे भारत का लक्ष्य रखा है जो स्लीपर डिब्बों की होंगी। अब तक वंदे भारत एसी और चेयरकार में ही आ रहीं थीं। अब लोगों की डिमांड को देखते हुए इसे स्लीपर क्लास में तैयार किया जा रही हैं।
रेलवे बोर्ड अलग-अलग कोच फैक्ट्री में दो सौ ट्रेन बनाने का लक्ष्य तय करेगा। पहली वंदे भारत चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में तैयार की गई थी। इसलिए यहां पर नए फीचर के साथ 50 वंदे भारत तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है।
इस वंदे भारत की खासियत है कि लंबी दूरी के लिए दौड़ पाएगी, जबकि खानपान की व्यवस्था को देखते हुए पैंट्री कार भी होगी। एक डिब्बे की कीमत 7.70 करोड़ रुपये है। मौजूदा वंदे भारत स्लीपर तैयार की गई हैं, उसमें कई बदलाव नई वंदे भारत के कोच में दिखाई देंगे।
माना जा रहा है कि रेलवे भविष्य में अन्य ट्रेनों को इसी वंदे भारत से रिप्लेस करने जा रहा है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दैनिक जागरण को बताया कि दो सौ वंदे भारत मंजूर की गई हैं। यह नए डिजाइन में बनाई जा रही हैं, जबकि इनके रूट भी फाइनल कर दिए जाएंगे।
आम बजट में रेलवे को 2.52 लाख करोड़ रुपये का बजट जारी किया गया है। आने वाले वर्षाें में जहां दो सौ नई वंदे भारत ट्रेनों को नए फीचर व पैंट्रीकार के साथ तैयार किया जाएगा, वहीं सौ अमृत भारत ट्रेन, पचास नमो भारत रैपिड रेल तैयार होंगी।
जबकि 17 हजार 500 जनरल नान एसी कोच भी जोड़े जाने की तैयारी है। यही नहीं 1400 नए कोच का निर्माण भी किया जाना है। साल 2025-26 में दो हजार सामान्य कोच तैयार करने का लक्ष्य है।
नई वंदेभारत ट्रेन का नया वर्जन जल्द लाने की तैयारी है। इसके लिए टेंडर आमंत्रित किए गए थे, जबकि दो कंपनियों के नाम भी फाइनल हुए हैं, जिन्होंने कम बोली लगाई है।
बताया जाता है कि दो वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण के लिए रूस के सीजेएससी ट्रांसमाशहोल्डिंग और रेल विकास निगम लिमिटेड (टीएमएच-आरवीएलएन) ने सबसे कम बोली लगाई है। रूस की कंपनी ने सबसे कम बोली लगाई। तीसरे नंबर पर भेल-टीटागढ़ वैनग कंसोर्टियम ने लगाई है।
नई वंदेभारत ट्रेन को जहां नए फीचर के साथ तैयार किया जाएगाा वहीं इन में कोच संख्या भी अलग-अलग होगी। एक रैक (गाड़ी) जहां 16 डिब्बों की होगी, तो वहीं दूसरी 24 डिब्बों वाली तैयार की जाएगी।
इन कोचों को रेलवे की फैक्ट्री लातूर (महाराष्ट्र) और चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आइसीएफ) में तैयार किया जाएगा। खास है कि जिसकी बोली सबसे कम है, उसके बिडर को रखरखाव, मेंटीनेंस व अन्य कार्य सौंपा जाएगा।
मौजूदा समय में जो वंदेभारत ट्रेन ट्रैक पर दौड़ रही हैं, उनमें यात्रियों को तमाम सुविधाएं दी हैं। इन में यात्रियों को मोबाइल, मैगजीन, वाटर बाटल होल्डर, स्नैक टेबल, इंटीग्रेटिड रीडिंग लाइट व चार्जिंग साकेट दिया है, जबकि लगेज रूम की सुविधा भी है। इसके अलावा बायो वैक्यूम टायलेट है जो टच फ्री सुविधा के साथ है।
इसी तरह ट्रेन के फर्स्ट एसी कार में यात्रियों के लिए गर्म पानी का शावर है, इमरजेंसी में चालक द्वारा यात्रियों से बातचीत करने का सिस्टम, सेंट्रेलाइज्ड कोच मानीटरिंग सिस्टम, इनफारमेशन और अलर्ट कंट्रोल, सीसीटीवी सर्विलांस कैमरा, आन बोर्ड इनफोटेनमेंट की सुविधा है। इसके अलावा जीपीएस आधारित एलईडी डिसप्ले व अनाउंसमेंट सिस्टम, एल्यूमीनियम बर्थ फ्रेम, पालीयूरेथीन के फोम युक्त गद्दे, माड्यूलर पेंट्री सर्विस भी मिलेगी।
इसके अलावा तकनीकी रूप से ऑटोमेटिक प्लग डोर सेंसर आधारित, डिजास्टर लाइट हर कोच, कोच में डिस्क ब्रेक व रीजैनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम, दो डीटीसी कोच व दो मिडल टीसी कोच में प्लेटफार्म कैमरा, विजिलेंस कंट्रोल डिवाइस व ईवेंट रिकॉर्डर, चालक के पास सिग्नल एक्सचेंज लाइट सिस्टम, फायर सेफ्टी, फायर डिटेक्शन, फायर सर्वाइवल केबल, कोलिएशन अवायडेंस सिस्टम, ओएचई फेलियर में तीन घंटे का इमरजेंसी बैकअप है।