देहरादून : यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित वापिस लाने के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने इस पूरे मामले में कहा कि भारत सरकार निश्चित तौर पर बातचीत कर रही होगी, लेकिन प्रधानमंत्री को देशवासियों को आश्वस्त करना चाहिए कि वहां फंसे नागरिकों को निकालने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
रुस-यूक्रेन विवाद मामले में पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि यूरोपीय देश की धरती से तीसरे विश्व युद्ध की भूमिका बन रही है। यह अचानक नहीं हुआ है, लंबे समय से ऐसी स्थितियां बन रही थीं। पिछले कुछ हफ्तों से तो स्पष्ट लग रहा था कि युद्ध होगा। ऐसी स्थिति में भारतीय नागरिकों को निकालकर सुरक्षित स्थान पर ले जाना, केंद्र सरकार का पहला दायित्यव है। उत्तरखंड के भी तमाम छात्र वहां अध्ययन करने गए हैं, वह भी फंसे हैं। उनके मां-बाप और प्रत्येक देशवासी बहुत चिंतित है। वहां छात्र बहुत दिक्कत में हैं। केंद्र सरकार ही बातचीत कर वहां फंसे छात्रों को निकाल सकती है।
साथ ही उन्होंने कहा कि हमें अपनी अर्थव्यवस्था की भी चिंता करनी चाहिए। यूक्रेन के साथ हमारे आर्थिक स्वार्थ बहुत गहराई से जुड़े हैं। इस युद्ध का दुष्प्रभाव भारत की अर्थव्यवस्था पर निश्चित तौर पर पड़ने जा रहा है। प्रधानमंत्री को देश को आश्वस्त करना चाहिए कि किस प्रकार से सरकार इस दुष्प्रभाव को रोकने के लिए कदम उठाने जा रही है।
मुख्यमंत्री बोले , उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता कानून को जल्द ही किया जाएगा लागू
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अपनी स्थापना के रजत जयंती वर्ष में उत्तराखंड देश के अग्रणी राज्यों में...
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