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उत्तराखंड में एसजीएसटी की चोरी को लेकर व्यापारियों और निजी फर्मों पर सरकार की नजर टेढ़ी

प्रदेश में राज्य वस्तु एवं सेवा कर (एसजीएसटी) की चोरी को लेकर व्यापारियों और निजी फर्मों पर नजरें टेढ़ी करती रही सरकार अब अपने विभागों पर शिकंजा कसने जा रही है। इसके लिए सूचना प्रौद्योगिकी (आइटी) विभाग अगले दो माह के भीतर आइटी सोल्यूशन तैयार करेगा। मुख्यमंत्री कर और करेत्तर राजस्व से जुड़े विभागों को आय बढ़ाने के लिए बहुआयामी प्रयास करने के निर्देश दे चुके हैं।

 प्रदेश में राज्य वस्तु एवं सेवा कर (एसजीएसटी) की चोरी को लेकर व्यापारियों और निजी फर्मों पर नजरें टेढ़ी करती रही सरकार अब अपने विभागों पर शिकंजा कसने जा रही है। विशेष रूप से निर्माण कार्यों से जुड़े विभागों, कार्यदायी संस्थाओं और ठेकेदारों के लिए जीएसटी के भुगतान से कन्नी काटना संभव नहीं होगा।
चारधाम यात्रा मार्ग पर चलने वाले यात्री वाहनों और उनके पंजीकरण के आधार पर होटल, लाज और विश्राम गृह को निशाने पर लिया जाएगा। कर चोरी रोकने के लिए ट्रेकिंग की ठोस व्यवस्था के लिए विभागों का समस्त डाटा खंगाला जाएगा। इसके लिए सूचना प्रौद्योगिकी (आइटी) विभाग अगले दो माह के भीतर आइटी सोल्यूशन तैयार करेगा।
प्रदेश सरकार गैर विकास और विकास कार्यों में बढ़ते खर्च की पूर्ति के लिए राजस्व बढ़ाने पर ध्यान दे रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कर और करेत्तर राजस्व से जुड़े विभागों को आय बढ़ाने के लिए बहुआयामी प्रयास करने के निर्देश दे चुके हैं। केंद्र से प्रतिपूर्ति बंद होने के बाद एसजीएसटी में वृद्धि को लेकर सरकार ने जिस प्रकार हाथ-पांव मारे, उसके सकारात्मक प्रभाव सामने आ चुके हैं। इस क्रम में एसजीएसटी चोरी रोकने के लिए विभागों पर नजरें गड़ाई गई हैं।
प्रदेश सरकार को खनन से आय में बड़ी वृद्धि करने में सफलता मिली है। गत वित्तीय वर्ष की तुलना में इस बार 200 करोड़ से अधिक आय खनन से हुई है। खनन से आय में वृद्धि होने पर सरकार का ध्यान खनन और खनन सामग्री का उपभोग करने वाले विभागों की ओर गया।
खनन से आय करेत्तर राजस्व के रूप में हुई है। ऐसे में इस राशि पर जीएसटी के भुगतान को लेकर कर विभाग के कान खड़े हुए। खनन सामग्री पर 18 प्रतिशत जीएसटी है। साथ ही खनन के लिए रवन्ने कटने, वन विभाग को होने वाली आय, परिवहन विभाग की ओर से खनन में प्रयुक्त हो रहे वाहनों से वसूल किए जा रहे कर राजस्व का विवरण भी अब जांच के दायरे में है।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इसे गंभीरता से लेते हुए सरकारी विभागों में कर के दायरे में होने वाले समस्त लेन-देन के बारे में विवरण जुटाने के लिए कामन डाटा शेयरिंग की व्यवस्था बनाने के निर्देश सूचना प्रौद्योगिकी सचिव नितेश झा को दिए हैं। यह कार्य आइटीडीए के माध्यम से अगले दो माह में किया जाएगा। इस क्रम में आइटी, वित्त समेत विभिन्न विभागों की बैठक भी हो चुकी है।
वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने कामन डाटा शेयरिंग के लिए आइटी सोल्यूशन पर कार्य जारी होने की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि इसी भांति चारधाम यात्रा के दौरान यात्री वाहनों की ट्रेकिंग भी की जाएगी।

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