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डिस्पैचर का 200 रुपये की रिश्वत लेते वीडियो वायरल,डीएम सीडीओ तक पहुंचा वीडियो,एक्सईएन ने बैठाई जांच

फतेहपुर में लघु सिंचाई विभाग की डिस्पैचर सुभाषिनी का 200 रुपये की रिश्वत लेते वीडियो वायरल हुआ है। वीडियो में सुभाषिनी दस्तावेज भेजने के नाम पर पैसे लेती दिख रही हैं। उनके साथ एक निजी सहायक व्यक्ति भी है। सहायक अभियंता ने डिस्पैचर को निलंबित कर दिया है और जांच बैठा दी है। डीएम और सीडीओ तक भी वीडियो पहुंच गया है।

लघु सिंचाई विभाग कार्यालय में तैनात डिस्पैचर का घूस लेते वीडियो शनिवार रात इंटरनेट मीडिया में प्रचलित हो गया। प्रचलित वीडियो में कार्यालय की डिस्पैचर सुभाषिनी दस्तावेज भेजने के नाम पर दो सौ रुपये की घूस लेते हुए दिख पड़ रहीं हैं। उन्होंने अपने काम में सहयोग के लिए एक निजी व्यक्ति भी अपने बगल में बैठा रखा है।
सहायक अभियंता शुभम मिश्र ने प्रचलित वीडियो को आधार बनाकर डिस्पैचर को निलंबित कर दिया है। इस प्रकरण की विस्तृत रिपोर्ट बनाकर प्रयागराज में भेजी है। वहीं, प्रचलित वीडियो डीएम, सीडीओ तक पहुंच गया है। इसे गंभीरता से लेते हुए अधिशासी अभियंता (एक्सईएन) मनोज जायसवाल ने जांच बैठा दी है। रिपोर्ट भी तलब की है।
हथगाम ब्लाक के पलिया गांव निवासी एक किसान ने मध्यम बोरिंग योजना के तहत खेतों में बोरिंग कराई है। किसान ने अपना अंश 66,500 रुपये जमा कर दिया है। उन्हें अब विभाग की तरफ से 1.75 लाख रुपये की सामग्री मिलनी है, जिसमें 68 हजार रुपये बिजली ट्रांसफार्मर, खंभा व तार के लिए हैं। अन्य सामग्री लघु सिंचाई विभाग ने दे दी है, लेकिन बिजली अनुदान का स्वीकृत पत्र खागा स्थित बिजली कार्यालय को अब तक नहीं भेजा गया है।
शनिवार को किसान स्वीकृत पत्र को खागा स्थित बिजली कार्यालय भिजवाने के लिए आए थे। उन्होंने पत्र भेजने का अनुरोध किया तो डिस्पैचर ने पत्र भेज दिया, लेकिन बदले में सुविधा शुल्क की मांग कर दी।
किसान ने सवाल किया कितना देना है तो डिस्पैचर के सहयोगी ने कहा कि जोर जबरदस्ती नहीं है जो इच्छा है उतना दे दो। किसान ने पर्स से 200 रुपये निकाले और सहयोगी को थमा दिया। सहयोगी ने इस पैसे को डिस्पैचर को पकड़ते हुए कहा जाइए आपका पत्र खागा कार्यालय पहुंच जाएगा।
वहीं, लघु सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता शुभम मिश्र का कहना है कि प्रचलित वीडियो में रिश्वत लेने की बात स्पष्ट है। इसलिए तत्काल प्रभाव से डिस्पैचर को निलंबित कर दिया गया है। उनके खिलाफ जांच बैठा दी गई है। जांच में डिस्पैचर के साथ काम करने वाले निजी कर्मचारी के बारे में स्पष्ट होगा। उसके बाद मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
वर्तमान में लघु सिंचाई विभाग में डिस्पैचर का काम देख रहीं सुभाषिनी मूलरूप से बोरिंग टेक्नीशियन हैं। उनकी नौकरी ब्लाक स्तर पर तैनात होकर फील्ड विजिट की है लेकिन इन्होंने अपनी पहुंच का इस्तेमाल करके खुद को कार्यालय में अटैच करा रखा है।
जिला विकास अधिकारी प्रमोद चंद्रौल ने बताया कि अधिशासी अभियंता लघु सिंचाई खंड प्रयागराज मनोज जायसवाल ने निलंबन आदेश भेज दिया है। उन्होंने डिस्पैच का काम देख रही सुभाषिनी को निलंबित करने के साथ प्रयागराज कार्यालय में संबद्ध कर दिया है। साथ ही सहायक अभियंता लघु सिंचाई शुभम मिश्र को जांच अधिकारी नामित किया है और इस स्थिति के लिए उनसे भी स्पष्टीकरण जांच रिपोर्ट सहित 15 दिन में तलब की है।

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