उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सी-प्लेन सेवा शुरू होने जा रही है। पर्यटक अब टिहरी ऋषिकेश नानकमत्ता कालागढ़ और हरिपुरा झील का हवाई सफर कर सकेंगे। केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो जाएगा। सी-प्लेन सेवा से उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और पर्यटकों को एक नया अनुभव मिलेगा।
प्रदेश में साहसिक पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, चाहे वह ट्रेकिंग हो या फिर रिवर राफ्टिंग। अब इस कड़ी में प्रदेश के भीतर सी प्लेन के संचालन को झीलों को आपस में जोडऩे की तैयारी है। उत्तराखंड में सी प्लेन नदियों में पर्यटन की पर्याप्त संभावनाएं हैं।
वर्ष 2019 में प्रदेश सरकार और एयरपोर्ट अथारिटी के बीच टिहरी झील में वाटर एयरोड्रम बनाने के लिए करार हुआ था। इस झील में वाटर एयरोड्रम के लिए जगह भी चिह्नित कर ली गई थी। यद्यपि बात आगे नहीं बढ़ी। वर्ष 2022 में केंद्र सरकार ने सागरमाला परियोजना के अंतर्गत एक एसपीवी का गठन किया।
इसके गठन का उद्देश्य देश के विभिन्न राज्यों में सी प्लेन संचालन के लिए ढांचागत व तकनीकी सहयोग देना है।
उत्तराखंड ने उस समय प्रदेश की पांच झीलों ऊधम सिंह नगर में हरिपुरा जलाशय, ऋषिकेश बैराज, टिहरी झील, नानकमत्ता बैराज और कालागढ़ झील को इस योजना में शामिल किया गया। यहां सी प्लेन संचालन की संभावनाओं का अध्ययन करने पर इन्हें काफी हद तक अनुकूल भी पाया गया, लेकिन सी प्लेन उड़ाने की दिशा में आशानुरूप सफलता नहीं मिल पाई।
उत्तराखंड ने उस समय प्रदेश की पांच झीलों ऊधम सिंह नगर में हरिपुरा जलाशय, ऋषिकेश बैराज, टिहरी झील, नानकमत्ता बैराज और कालागढ़ झील को इस योजना में शामिल किया गया। यहां सी प्लेन संचालन की संभावनाओं का अध्ययन करने पर इन्हें काफी हद तक अनुकूल भी पाया गया, लेकिन सी प्लेन उड़ाने की दिशा में आशानुरूप सफलता नहीं मिल पाई।
गत वर्ष केंद्र सरकार ने एक बार फिर नागरिक उड्डयन विभाग से सी प्लेन उड़ाने का प्रस्ताव मांगा। इस पर नागरिक उड्डयन विभाग की ओर से इन झीलों का एक सर्किट बनाते हुए यहां सी प्लेन के संचालन की कार्ययोजना केंद्र को भेजी गई है। अब केंद्र सरकार की ओर से इसकी अनुमति मिलने का इंतजार है।