National Games Dehradun अनु कुमार ने राष्ट्रीय खेलों में 800 मीटर दौड़ और 4 गुना 400 मीटर रिले में रजत पदक जीतकर उत्तराखंड का नाम रोशन किया। पिता की मृत्यु के बाद परिवार की जिम्मेदारियों को निभाते हुए अनु ने दिन में दिहाड़ी मजदूरी की और सुबह-शाम दौड़ लगाई। उनकी इस जीत से मां और परिजनों की आंखों में खुशी के आंसू आ गए।
ऐसे मुश्किल वक्त में अनु कुमार ने हिम्मत नहीं हारी बल्कि दिन के समय दिहाड़ी-मजदूरी कर, सुबह-शाम दौड़ लगाना जारी रखा और राष्ट्रीय खेलों में शानदार प्रदर्शन कर अपनी काबिलियत को साबित किया। बेटे के गले में रजत पदक देख मां और परिजनों के आंसू छलक उठे। अनु कुमार ने राष्ट्रीय खेल में 800 मीटर दौड़ में रजत और 4 गुणा 400 मीटर की रिले रेस में टीम के साथ रजत पदक जीतकर उत्तराखंड का मान बढ़ाया है।
हरिद्वार जिले के धनपुरा गांव निवासी अनु कुमार ने बताया कि 2022 में पिता की मृत्यु के बाद घर की सभी जिम्मेदारियां उनके कंधों पर आ गई। ऐसे में उनके लिए खेलना बहुत मुश्किल हो गया था। यह समय बहुत कठिन था क्योंकि परिवार गरीबी से जूझ रहा था। उन्होंने कहा मेरे लिए हर दिन एक नई चुनौती था, लेकिन मैं जानता था कि अगर मैं मेहनत करूंगा तो एक दिन सफलता मिलेगी।
अनु की मां मुन्नी देवी ने कहा कि मेरे बेटे ने बहुत मेहनत की है। भगवान ऐसा बेटा हर किसी को दे। अनु ने घर चलाने के लिए खेतों में काम किया और दिहाड़ी मजदूरी की। उन्होंने बताया कि अनु ने पिता की मृत्यु के बाद बहुत गरीबी देखी। लेकिन उसने कभी हार नहीं मानी।
अनु के जीजा अर्जुन ने कहा खेलों में अनु का जज्बा तारीफ के काबिल है। वह हमेशा खेल को लेकर गंभीर रहा और अपनी तरफ से हमने भी उसे हर संभव मदद की। अनु की बहन मोनिका ने कहा कि हमने बहुत कठिन समय देखा, लेकिन अनु ने हमेशा हमें प्रेरित किया।
राष्ट्रीय खेल की जिम्नास्टिक स्पर्धा में मंगलवार को महाराष्ट्र ने पांच स्वर्ण पदक जीते। पुरुषों की ट्रैम्पोलिन जिम्नास्टिक में महाराष्ट्र के आयुष संजय मुले ने 48.740 अंकों के साथ स्वर्ण पदक जीता, जबकि केरल के मनु मुरली (46.150) ने रजत और उत्तराखंड के उदित चौहान (45.070) ने कांस्य पदक जीता। ट्रैम्पोलिन जिम्नास्टिक महिला वर्ग में आंध्र प्रदेश की शेख यासीन ने 39.790 अंकों के साथ स्वर्ण पदक जीता, उसके बाद महाराष्ट्र की चैत्राली रखमाजी (39.280) ने रजत और गुजरात की प्रीति महेशभाई (37.800) ने कांस्य पदक जीता।