देहरादून : यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को लेकर केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी के एक बयान आया था जिसको लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। हरीश रावत का कहना है कि जोशी का ये बयान बहुत ही कष्ट पहुंचाने वाला है। बता दे कि जोशी ने अपने बयान में कहा था कि जो बच्चे यूक्रेन में मेडिकल एजुकेशन लेने के लिए गए हैं, वह अक्षम हैं। वह भारत में नीट की परीक्षा पास नहीं कर पाते इसलिए विदेशों में जाकर पढाई करते हैं।
इस बयान को लेकर हरीश रावत ने अपने फेसबुक पेज पर केंद्रीय मंत्री को संबोधित करते हुए कहा कि इस समय प्रश्न यह नहीं है कि वह नीट की परीक्षा पास कर सकते हैं या नहीं। प्रश्न यह है कि उनकी जिंदगी को बचाने के लिए केंद्र सरकार क्या कदम उठा रही है? पहले ही आपने बहुत विलंब कर दिया और जब साक्षात उनके सिर पर मौत खड़ी है तो आप इस तरीके का बयान देकर भारत के जनमानस को कष्ट पहुंचा रहे हैं।
हरीश ने कहा कि प्रहलाद जोशी को अपने इस बयान के लिए माफ़ी मांगनी चाहिए। साथ ही कहा कि बच्चे यूक्रेन या बाहर अध्ययन करने के लिए इसलिए नहीं जाते हैं कि वह परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर सकते हैं। वह इसलिए भी जाते हैं क्योंकि वहां 25-30 लाख रुपये में मेडिकल शिक्षा मिल जाती है। जबकि अपने देश में यही शिक्षा उनको डेढ़ करोड़ से भी ज्यादा रुपये खर्च करके मिलती है।
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