नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को अलीगढ़ मुस्लिम विश्विविद्यालय (AMU) के अल्पसंख्यक दर्जे के मामले में सुनवाई की। सात जजों की बेंच ने 4-3 के बहुमत से अपना फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने एएमयू का अल्पसंख्यक दर्जा बरकरार रखा है।
शीर्ष अदालत ने कहा कि एएमयू एक अल्पसंख्यक संस्थान हैं। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि कोई भी धार्मिक समुदाय संस्थान की स्थापना कर सकता है। मगर धार्मिक समुदाय संस्था का प्रशासन नहीं देख सकता है। संस्थान की स्थापना सरकारी नियमों के मुताबिक की जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) संविधान के अनुच्छेद 30 के तहत अल्पसंख्यक दर्जे का हकदार है।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे को लेकर तीन जजों की नई बेंच बनेगी। यह नई बेंच ही तय करेगी एएमयू का दर्जा क्या होगा। बेंच अल्पसंख्यक संस्थानों के लेकर मानदंड भी तय करेगी।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे को लेकर तीन जजों की नई बेंच बनेगी। यह नई बेंच ही तय करेगी एएमयू का दर्जा क्या होगा। बेंच अल्पसंख्यक संस्थानों के लेकर मानदंड भी तय करेगी।