उत्तराखंड राज्य ने आज अपनी स्थापना के 25वें साल यानी रजत जयंती वर्ष में प्रवेश कर लिया है। राज्य स्थापना दिवस के इस उत्सव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो संदेश जारी किया। प्रदेशवासियों को शुभकानाएं देने के साथ ही उन्होंने आज नौ नवंबर को नौ आग्रह किए।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उत्तराखंड में विकास का महायज्ञ चल रहा है। आज मैं नौ आग्रह कर रहा हूं, जिसमें पांच आग्रह उत्तराखंड के लोगों से और चार आग्रह पयर्टकों से हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उत्तराखंड जिस सपने के साथ बना उसे साकार किया जा रहा है। मैंने बाबा केदारनाथ के चरणों में बैठकर कहा था कि ये दशक उत्तराखंड का दशक है।
मेरा ये विश्वास अडिग है और सरकार इसे साकार कर रही है। कई मामलों में उत्तराखंड देश में नंबर वन है। देहरादून और ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण की भराड़ीसैंण विधानसभा भवन परिसर में आयोजित कार्यक्रमों में प्रधानमंत्री के वीडियो संदेश प्रसारित किए जा रहे हैं।
नौ नवंबर पर नौ आग्रह
उत्तराखंडवासियों से
-स्थानीय बोलियों का संरक्षण करें अपनी पीढ़ियों को सिखायें
-प्रकृति और पर्यावरण के प्रेमी उत्तराखंडवासी है ये पूरा देश जानता है। हर महिला माां नंदा का स्वरूप। एक पेड़ मां के नाम लगाए
-नदी नौलों का संरक्षण करें।
– अपनी जड़ों से जुड़े रहे। अपने गांव लगातार जाएं और सेवानिवृत्ति के बाद भी।
– अपने गांव के पुराने घरों जिन्हें आप तिवरी वाले घर कहते हैं। इन्हें भूले नहीं। होम स्टे बनाए जिससे आय बढ़ेगी।
बोले पीएम मोदी- आंकड़े बताते हैं राज्य में हो रही उन्नति
इस साल जीएसटी कलेक्शन में उछाल आया। उत्तराखंड की प्रति व्यक्ति से दो लाख से ज़्यादा हो गई है। स्टेट की जीडीपी भी डेढ़ से तीन लाख करोड़ रुपये हो गई है। ये आंकड़े बताते हैं हैं कि यहां पर उन्नति हो रही है। यहां युवाओं और बेटियों का जीवन आसान हो रहा है। 2024 से पहले पांच प्रतिशत घरों में नल से पानी आता था। लेकिन अब 16 प्रतिशत है। पीएमजीएसवाई की सड़के छह हज़ार से किलोमीटर से बढ़ाकर 20 हज़ार किलोमीटर हो गई है।
स्थानीय कारोबार को लाभ हुआ
सरकार विकास के साथ विरासत को भी सहेजती है। केदारनाथ धाम में दिव्य निर्माण किया जा रहा है। बद्रीनाथ में भी विकास किया जा रहा है। चारधाम यात्रा को सुगम किया जा रहा है।
माणा गांव गया था तब मुझे अपार स्नेह देखने को मिला था। वहीं से वाइब्रेंट विलेज की शुरुआत की गई। ऐसे ही प्रयासों का परिणाम है की पर्यटन को गति मिल रही है। इस साल उत्तराखंड में छह करोड़ पर्यटक पहुंचे हैं। चार धाम में 54 लाख पर्यटक पहुंचे। इससे स्थानीय कारोबार को लाभ हुआ है।