June 30, 2025

त्तराखंड में डेंगू की रोकथाम के लिए विभागों को एडवाइजरी जारी, सक्रिय होकर काम करने के निर्दश

Share now

उत्तराखंड में डेंगू की रोकथाम के लिए विभागों को एडवाइजरी जारी, सक्रिय होकर काम करने के निर्दश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के दिशा-निर्देश पर संबंधित विभागों को एडवाइजरी जारी की गई।

प्रदेश में डेंगू रोकथाम के लिए विभागों को एडवाइजरी जारी की गई। जिसमें विभागों को आपसी समन्वय के साथ सक्रिय रूप से जिम्मेदारियों का निर्वहन करने के निर्देश दिए गए

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि सामूहिक जिम्मेदारी से डेंगू को नियंत्रण कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के दिशा-निर्देश पर संबंधित विभागों को एडवाइजरी जारी की गई। डेंगू का मच्छर साफ जमा हुए पानी में पनपता है। यदि समय रहते ऐसे स्थलों की पहचान कर ली जाए तो डेंगू को फैलने से रोका जा सकता है।

डेंगू रोकथाम में शहरी विकास, नगर निगम, नगर पालिकाएं, ग्राम्य विकास, पंचायती राज, शिक्षा, सूचना, आपदा प्रबंधन, सिंचाई, कृषि, महिला एवं बाल विकास, परिवहन, मौसम विभाग, पर्यटन, वन व पेयजल विभाग को आपसी समन्वय बना कर काम करने के निर्देश दिए गए।

सचिव ने कहा कि डेंगू मच्छर का लार्वा विशेषकर घरों के आसपास पानी जमा होने वाली जगहों पर पनपता है। उन्होंने सभी विभागों से अपेक्षा की है कि अपने-अपने स्तर से सतर्कता व जागरूकता फैलाएं। डेंगू संभावित मच्छर जनित स्थलों की नियमित निगरानी करें।

समूह आधारित स्वच्छता अभियान और निगरानी
प्रदेश में डेंगू के प्रसार को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीमें हर जिले में डेंगू मच्छरों के लार्वा की पहचान कर उन्हें नष्ट कर रहे हैं। शहरी विकास विभाग की ओर से निर्माण स्थलों, पुराने टायरों, खाली प्लॉटों और पानी के जमा होने वाले स्थानों की सफाई की जा रही है। नगर निगम और ग्रामीण विकास विभाग के साथ मिलकर स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है। इसमें घरों और सार्वजनिक स्थानों से पानी के किसी भी प्रकार के संचय को रोकने पर जोर दिया जा रहा है।

शिक्षा विभाग छात्रों को करें जागरूक
शिक्षा विभाग को स्कूलों में डेंगू से बचाव के लिए छात्र-छात्राओं को जागरूक करने के लिए कहा गया। छात्र घर जाकर अपने परिवार को डेंगू से बचाव के उपायों के बारे में जानकारी देंगे। स्कूलों में विशेष रूप से सेहत और स्वच्छता पर आधारित पाठ्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। जिससे बच्चों के माध्यम से गांव और शहरों में व्यापक जागरूकता फैलाई जा सके।