देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अपनी स्थापना के रजत जयंती वर्ष में उत्तराखंड देश के अग्रणी राज्यों में अपनी पहचान बनाने में सफल हो, इसके लिए सरकार संकल्पित है। उन्होंने राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर अपने संदेश में राज्यवासियों के राज्य गठन के 24 वर्ष पूरे होने और रजत जयंती वर्ष में प्रवेश करने के लिए शुभकामनाएं दीं।
साथ ही राज्य निर्माण आंदोलन के दौरान बलिदान हुए आंदोलनकारियों और देश के लिए सर्वाेच्च बलिदान देने वाले वीर जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए उत्तराखंड की नींव रखने वाले पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को भी नमन किया। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में जल्द ही समान नागरिक संहिता कानून लागू किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की जनता के आशीर्वाद, सरकार की मजबूत इच्छाशक्ति, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उत्तराखंड के प्रति विशेष लगाव व केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य तेजी से विकास की दिशा में अग्रसर है। राज्य के समग्र व संतुलित विकास की अवधारणा को मूर्त रूप देने के लिए पारदर्शिता, जनसहभागिता और नई कार्य संस्कृति के साथ ही विकास की नई गाथा लिखने की पहल की गई है। महिलाओं, युवाओं और पूर्व सैनिकों की अहम भागीदारी से सशक्त उत्तराखंड के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में हम अग्रसर हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट केदारनाथ धाम का भव्य व दिव्य पुनर्निर्माण, बदरीनाथ धाम का मास्टर प्लान के अनुरूप विकास, चार धाम आल वेदर रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट, गौरीकुंड-केदारनाथ व गोविंदघाट-हेमकुंड साहिब रोपवे, दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे, मानसखंड मंदिर माला मिशन, जौलीग्रांट व पंतनगर एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के विकसित करने समेत अन्य कई योजनाओं का जिक्र करते हुए इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी के प्रति आभार जताया।
उन्हेांने कहा कि राज्य में आधिकाधिक निवेश को आकर्षित करने केा सरकार ने निवेश के अनुकूल वातावरण बनाया है। पहाड़ में पर्यटन, आयुष, वेलनेस, आइटी, सौर ऊर्जा, सेवा क्षेत्र पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है। वोकल फार लोकल के लिए एक जिला, दो उत्पाद के जरिये आजीविका के अवसर बढ़ाए जा रहे हैं। नई सौर ऊर्जा नीति लाई गई है। पीएम सूर्यघर योजना के आयोजनों के निस्तारण में उत्तराखंड सबसे आगे है। वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम से सीमावर्ती गांव विकसित हो रहे हैं। इन क्षेत्रों के लिए मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना शुरू की गई है।
उन्होंने कहा कि देश का सबसे कठोर नकलरोधी कानून लागू कर उत्तराखंड के युवाओं का भविष्य सुरक्षित किया गया है। तीन वर्ष में 18,500 भर्तियां की जा चुकी हैं। भ्रष्टाचार पर अंकुश को प्रभावी कदम उठाए गए हैं। पारदर्शी व्यवस्था से सुशासन की परिकल्पना साकार हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मातृशक्ति के सम्मान को सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण समेत सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन में वृद्धि के साथ ही उनके आश्रितों को सरकारी सेवाओं में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिया गया है। देवभूमि के मूल स्वरूप को बनाए रखने के लिए राज्य में जबरन मतांतरण के विरुद्ध कठोर कानून लाया गया है। राज्य में दंगा करने वालों से ही पूरे नुकसान की भरपाई का कानून लागू किया गया है। सरकारी भूमि को अतिक्रमणमुक्त करने को निरंतर अभियान चल रहा है।