देहरादून: आगामी विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर उत्तराखण्ड में चल रहे “बीएलओ आउटरीच अभियान” को 10 जनवरी तक बढ़ा दिया गया है। प्री-एसआईआर गतिविधियों के अंतर्गत इस अभियान का उद्देश्य प्रत्येक मतदाता तक पहुँच बनाकर समन्वय और संवाद स्थापित करते हुए उनके मताधिकार को सुरक्षित करना है। अभियान के तहत अब तक लगभग 65 प्रतिशत मतदाताओं की 2003 की मतदाता सूची से मैपिंग पूरी की जा चुकी है।
सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी मस्तू दास ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के क्रम में मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम की पहल पर 1 दिसम्बर 2025 से यह अभियान चलाया जा रहा है। ईआरओ, बीएलओ एवं फील्ड ऑफिसर्स की सतत मेहनत से सीमित समय में उल्लेखनीय प्रगति हासिल हुई है।
मतदाताओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए अभियान की अवधि 10 जनवरी तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने बताया कि प्री-एसआईआर फेज में प्रदेश के ऐसे मतदाता जिनकी आयु 38 वर्ष या उससे अधिक है और जिनके नाम 2003 की मतदाता सूची में दर्ज हैं, उनकी सीधे बीएलओ ऐप के माध्यम से मैपिंग की जा रही है। वहीं जिन मतदाताओं के नाम 2003 की सूची में उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन उनके माता-पिता या दादा-दादी के नाम उस सूची में दर्ज हैं, उनकी प्रोजनी के आधार पर मैपिंग की जा रही है। वर्ष 2003 की मतदाता सूची www.ceo.uk.gov.in और www.voters.eci.gov.in पर देखी जा सकती है।
सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे बीएलओ को अपेक्षित जानकारी उपलब्ध कराएं, ताकि प्रत्येक मतदाता के मताधिकार की पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा कि BLO द्वारा घर-घर पहुँच बनाकर संवाद और समन्वय के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई भी पात्र मतदाता छूटने न पाए।

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