देहरादून/दिल्ली। लंबे समय से प्रतीक्षित देहरादून-दिल्ली एक्सप्रेसवे अब अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है। बागपत और सहारनपुर वाले हिस्से में सबसे बड़ी तकनीकी बाधा बागपत-देहरादून-सहारनपुर ट्रांसमिशन लाइन को हटाकर मार्ग को पूरी तरह सुरक्षित कर दिया गया है। यह विद्युत लाइन एक्सप्रेसवे के ऊपर से गुजर रही थी और इसे बंद करने पर पूरे सहारनपुर में बिजली आपूर्ति बाधित होने की आशंका थी। समस्या को दूर करने के लिए निर्धारित शटडाउन लेकर काम किया गया और अब कार्य लगभग पूरा हो चुका है।
सूत्रों के अनुसार, नए साल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस एक्सप्रेसवे का औपचारिक उद्घाटन कर सकते हैं। इसके चालू होने पर दिल्ली से देहरादून से दिल्ली की यात्रा का समय काफी घट जाएगा, जिससे यात्रियों और पर्यटकों को बड़ी सुविधा मिलेगी।
ढाई घंटे में पूरी होगी देहरादून-दिल्ली की दूरी
210 किलोमीटर लंबी इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना पर 11,868.6 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। एक्सप्रेसवे देहरादून से शुरू होकर सहारनपुर, बागपत, शामली होते हुए दिल्ली के अक्षरधाम तक पहुंचेगा। इसके बन जाने के बाद दोनों शहरों के बीच की यात्रा सिर्फ ढाई घंटे में पूरी हो सकेगी।
ट्रायल रन आज रात से
एक्सप्रेसवे का ट्रायल रन आज से शुरू किया जा रहा है। इसके लिए गीता कॉलोनी से बैरिकेडिंग हटा दी गई है। समाचार एजेंसी एएनआई ने ट्रायल रन से जुड़ा वीडियो भी जारी किया है।
गौरतलब है कि ट्रायल रन अक्टूबर में होना था, लेकिन ट्रांसमिशन लाइन की समस्या के चलते इसे एक माह आगे बढ़ाना पड़ा। अब स्थिति स्पष्ट है और एक्सप्रेसवे खुलने का रास्ता लगभग साफ हो गया है।
इस एक्सप्रेसवे के शुरू होने से उत्तर भारत के सबसे व्यस्त मार्गों में से एक पर ट्रैफिक दबाव कम होगा और देहरादून-दिल्ली यात्रा अनुभव पूरी तरह बदलेगा।

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