बद्रीनाथ,
बद्रीनाथ धाम में मास्टर प्लान कार्यों को लेकर जारी असंतोष अब तेज़ होता जा रहा है। सोमवार को पुजारी, हक-हकूकधारी और स्थानीय व्यापारियों ने बद्रीशपुरी बाजार पूरी तरह बंद रखकर सरकार के खिलाफ विरोध जताया। इसी क्रम में कई आंदोलनकारियों ने मुंडन कराकर अपने आक्रोश को प्रतीकात्मक रूप से दर्ज किया। साथ ही तय किया गया कि मांगे पूरी होनेवतक रोजाना दो घंटे तक बाजार बंद रखा जाएगा।
“धाम की संरचना और हक खतरे में”
आंदोलनकारियों ने आरोप लगाया कि सरकार मास्टर प्लान के नाम पर तानाशाही रवैया अपनाकर न केवल उनके हकों की अनदेखी कर रही है, बल्कि बद्रीनाथ धाम की भौगोलिक और सांस्कृतिक संरचना से भी छेड़छाड़ की जा रही है। उनका कहना है कि यह बदलाव धाम की प्राचीनता और स्वरूप को खतरे में डाल सकता है।
बद्रीश संघर्ष समिति के अध्यक्ष पीतांबर मोल्फा, होटल एसोसिएशन अध्यक्ष राजेश मेहता, और पंडा पंचायत अध्यक्ष प्रवीण ध्यानी ने कहा कि आंदोलन को शुरू हुए एक सप्ताह से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन शासन-प्रशासन ने उनकी मांगों पर अब तक कोई गंभीरता नहीं दिखाई है। आंदोलनकारियों ने साफ चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने जल्द ही उनकी मांगों पर सकारात्मक कदम नहीं उठाया, तो उन्हें और उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
सोमवार को मुंडन कराकर विरोध जताने वालों में अक्षय मेहता, अशोक टोड़रिया और दीपक राणा समेत कई स्थानीय लोग शामिल रहे। वहीं, आंदोलन में मनदीप भंडारी सहित बड़ी संख्या में व्यापारी और पुजारी मौजूद रहे।

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