देहरादून
वन नेशन वन इलेक्शन पर दृढ़ता से अपने विचार रखते हुए सीएम धामी ने कहा कि एक राष्ट्र-एक चुनाव केवल प्रशासनिक सुधार नहीं है, बल्कि देश के लोकतंत्र को और अधिक सशक्त, प्रभावी और समावेशी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल है। यह देशहित में क्रान्तिकारी कदम है। भारत जैसे विशाल लोकतांत्रिक देश में चुनाव लोकतंत्र का पर्व होते हैं, लेकिन जब प्रत्येक वर्ष, कभी इस राज्य में, कभी उस राज्य में, बार-बार चुनाव होते हैं, तो यह प्रक्रिया बोझ बन जाती है। उन्होंने कहा कि बार-बार आचार संहिता लगने से विकास कार्य ठप पड़ जाते हैं और अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बार-बार चुनाव होने से चुनाव प्रक्रिया के दौरान प्रत्येक स्तर पर बार-बार संसाधनों का अपव्यय होता है व सरकारी ख़ज़ाने पर नकारात्मक असर पड़ता है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि चुनावो के दौरान बड़ी संख्या में राज्य के शिक्षकों, विभिन्न विभागों के अधिकारियों, पुलिस बल और केंद्रीय बल के जवानों को उनके मूल कार्य से हटाकर चुनाव ड्यूटी में लगाना पड़ता है, जिससे उनके मूल कार्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। एक राष्ट्र एक चुनाव को लेकर सबको एकजुटता दिखानी होगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भारतीय सर्वेक्षण विभाग सभागार देहरादून में स्वर्णिम देवभूमि फ़ाउंडेशन द्वारा एक राष्ट्र-एक चुनाव विषय पर आयोजित प्रबुद्ध सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर उत्तराखंड आए भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री व एक राष्ट्र एक चुनाव के राष्ट्रीय प्रभारी सुनील बंसल का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का लगभग 11 वर्षों का कार्यकाल ऐतिहासिक उपलब्धियों से भरा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेतृत्व में पिछले एक दशक में जहां एक ओर देश में विकास और आर्थिक प्रगति के नए प्रतिमान स्थापित हुए, वहीं अनेकों ऐतिहासिक निर्णयों के माध्यम से भारत के लोकतंत्र को और भी अधिक मज़बूती मिली। चाहे जीएसटी लागू करना हो, तीन तलाक़ की समाप्ति हो,कश्मीर से धारा 370 खत्म करना हो, सीएए-एनआरसी का क़ानून बनाना हो, नारीशक्ति वंदन अधिनियम पारित करना हो या फिर भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को लागू करना हो। इन सभी ऐतिहासिक निर्णयों ने भारत को एक नई दिशा दी है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में नेपाल के सुदूर पश्चिम प्रांत के मुख्यमंत्री श्री कमल बहादुर शाह के नेतृत्व में 10 सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल ने भेंट की। इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत और नेपाल के मित्रतापूर्ण संबधों और सीमावर्ती क्षेत्रों में सहयोग को और अधिक सुदृढ़ करने पर बल दिया। सीमावर्ती जिलों में आपसी समन्वय से विकास कार्यों को गति देने, सांस्कृति और धार्मिक संबंधों को बढ़ावा देने, पर्यटन विकास एवं आपदा प्रबंधन जैसे महत्वपर्ण विषयों पर विचार-विमर्श किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड और नेपाल की सामाजिक और सांस्कृतिक विरासत साझा हैं और दोनों क्षेत्रों के बीच सदियों पुराने ऐतिहासिक संबंध हैं। उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्र में व्यापार, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास में सहयोग के लिए उत्तराखण्ड सरकार की ओर से हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।
इस अवसर पर नेपाल के सुदूर पश्चिम प्रांत के मंत्री श्री वीर बहादुर थापा, सदस्य श्री घनश्याम चौधरी, श्री नरेश कुमार शाही, श्री झपत बहादुर सौद, श्री शेर बहादुर भण्डारी, प्रमुख सचिव सुदूर पश्चिम प्रांत डॉ. कमल प्रसाद पोखरेल शर्मा, सचिव श्री सूरत कुमार बम, राजनीतिक सलाहकार डॉ. जितेन्द्र उपाध्याय मौजूद थे। उत्तराखंड सरकार से प्रमुख सचिव श्री आर. के सुधांशु और सचिव श्री विनोद कुमार सुमन इस दौरान मौजूद थे।
More Stories
शातिर निकले मां-बेटा: जमीन बेचने के नाम पर दो भाइयों से हड़प लिए दो करोड़ रुपये, ऐसे बनाया शिकार
यात्रा की तैयारी…हेमकुंड के सबसे कठिन पड़ाव अटलाकोटी में मिलेगी स्वास्थ्य सुविधा
दिलाराम एस्टेट में अनाधिकृत रूप से रह रहे 14 परिवारों से पुलिस ने घर कराए खाली, कई ने किया विरोध